Atmanirbhar Krishak Samanvit Vikas Yojana 2023 : Apply Online, Benefits

Atmanirbhar Krishak Samanvit Vikas Yojana (ANSKY) किसानों की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और उनकी आय बढ़ाने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है। Atma Nirbhar Krishak Samanvit Vikas Yojana (ANSKY) योजना का उद्देश्य किसानों को आधुनिक तकनीक और बेहतर बुनियादी ढाँचे तक पहुँच प्रदान करके उनके कौशल और ज्ञान को बढ़ाना है, और उनकी उपज को कुशलता से बाजार में लाने में मदद करना है। इस आर्टिकल में, हम ANSKY यानि Atmanirbhar Krishak Samanvit Vikas Yojana की प्रमुख विशेषताओं और लाभों पर चर्चा करेंगे।

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Atmanirbhar Krishak Samanvit Vikas Yojana
Atmanirbhar Krishak Samanvit Vikas Yojana

Atmanirbhar Krishak Samanvit Vikas Yojana (ANSKY) योजना 2020 में भारत सरकार द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज के हिस्से के रूप में शुरू की गई थी। इस योजना का लक्ष्य 2023 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य तक पहोचना है। इस योजनासे छोटे और सीमांत किसानों को सहायता प्रदान की जाएगी, जो देश के कुल किसानों का 85% से अधिक का गठन करते हैं।

ANSKY योजना की प्रमुख विशेषताओं में से एक कृषि प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए किसानों को वित्तीय सहायता का प्रावधान है। यह योजना परियोजना की कुल लागत का 35% तक की सब्सिडी प्रदान करती है, जिसकी अधिकतम सीमा रु। 10 करोड़। इससे किसानों को अपनी उपज के लिए प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित होने की उम्मीद है, जिससे उन्हें अपनी फसलों के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने और बर्बादी को कम करने में मदद मिलेगी।

ANSKY योजना की एक अन्य महत्वपूर्ण विशेषता किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) के विकास के लिए सहायता का प्रावधान है। एफपीओ किसानों द्वारा सामूहिक रूप से अपनी उपज का विपणन करने और बिचौलियों पर निर्भरता कम करने के लिए बनाई गई संस्थाएं हैं। एएनएसकेवाई योजना क्षमता निर्माण, बुनियादी ढांचे के विकास और विपणन के लिए एफपीओ को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

Atmanirbhar Krishak Samanvit Vikas Yojana: भारतीय किसानों को सशक्त बनाने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण

Atmanirbhar Krishak Samanvit Vikas Yojana का परिचय:

कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और किसान इस क्षेत्र का मुख्य आधार हैं। हालांकि, भारतीय किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें जलवायु परिवर्तन, बाजार की अनिश्चितता और प्रौद्योगिकी, ऋण और विपणन के अवसरों तक पहुंच की कमी शामिल है। इन चुनौतियों के आलोक में, भारत सरकार ने किसानों को सशक्त बनाने और स्थायी कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं। ऐसी ही एक योजना है आत्म निर्भर कृषक समन्वय विकास योजना (ANKSVY)।

Atmanirbhar Krishak Samanvit Vikas Yojana का अवलोकन:

Atmanirbhar Krishak Samanvit Vikas Yojana 2020 में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य स्थायी कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना, कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना और किसानों को आवश्यक बुनियादी ढाँचा, प्रौद्योगिकी और विपणन अवसर प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है।

इस योजना के तहत, किसानों को उनकी सौदेबाजी की शक्ति और बाजारों तक पहुंच में सुधार के लिए किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। सरकार इन एफपीओ को बुनियादी ढांचे के विकास, क्षमता निर्माण और विपणन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह योजना सटीक खेती, सूक्ष्म सिंचाई और मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन जैसी उन्नत तकनीकों को अपनाने को भी बढ़ावा देती है।

ANKSVY का बजट 100 करोड़ रुपये है, और इसे पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया है। इस योजना का लक्ष्य लगभग 2 लाख एफपीओ और 10 लाख किसानों को लाभान्वित करना है।

ANKSVY की मुख्य विशेषताएं:

आत्म निर्भर कृषक समन्वय विकास योजना में कई प्रमुख विशेषताएं हैं जो इसे किसानों को सशक्त बनाने के लिए एक व्यापक योजना बनाती हैं। कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं:

किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन:

इस योजना के तहत, किसानों को अपनी सौदेबाजी की शक्ति और बाजारों तक पहुंच में सुधार के लिए एफपीओ बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। सरकार इन एफपीओ को बुनियादी ढांचे के विकास, क्षमता निर्माण और विपणन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इससे किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलती है और बिचौलियों पर उनकी निर्भरता कम होती है।

बुनियादी ढांचे का विकास:

ANKSVY गोदामों, कोल्ड स्टोरेज, प्रसंस्करण इकाइयों और पैकेजिंग इकाइयों जैसे बुनियादी ढांचे के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह कटाई के बाद के नुकसान को कम करने में मदद करता है और उपज की बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित करता है। यह योजना जल संसाधनों के कुशल उपयोग के लिए उन्नत तकनीकों जैसे सौर पंप और सूक्ष्म सिंचाई के उपयोग को भी बढ़ावा देती है।

क्षमता निर्माण:

ANKSVY किसानों और एफपीओ को स्थायी कृषि प्रथाओं, विपणन और प्रबंधन के बारे में उनके कौशल और ज्ञान में सुधार के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण प्रदान करता है। यह योजना सूचना और बाजार के अवसरों तक बेहतर पहुंच के लिए ई-मार्केटिंग प्लेटफॉर्म और मोबाइल एप्लिकेशन जैसी डिजिटल तकनीकों के उपयोग को भी बढ़ावा देती है।

विपणन सहायता:

यह योजना मार्केट लिंकेज और मार्केटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कोल्ड चेन, ग्रेडिंग और सॉर्टिंग सुविधाओं और परिवहन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह विपणन लागत को कम करने में मदद करता है और किसानों की उपज के लिए बेहतर मूल्य सुनिश्चित करता है।

अनुसंधान और विकास:

ANKSVY कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देता है। यह योजना स्थायी कृषि पद्धतियों से संबंधित अनुसंधान और विकास परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है, फसल विविधीकरण, मूल्यवर्धन और कृषि-प्रसंस्करण।

ANKSVY का प्रभाव:

आत्मनिर्भर कृषक समन्वय विकास योजना में भारतीय कृषि और किसानों के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने की क्षमता है। यह योजना स्थायी कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देती है और रासायनिक आदानों पर किसानों की निर्भरता को कम करती है, जिससे मिट्टी का क्षरण और पर्यावरण प्रदूषण होता है। सटीक खेती और सूक्ष्म सिंचाई जैसी उन्नत तकनीकों को अपनाने से संसाधनों के कुशल उपयोग में मदद मिलती है और कृषि उत्पादकता बढ़ती है।

एफपीओ का गठन और बाजार लिंकेज और विपणन बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने से किसानों को बाजारों तक बेहतर पहुंच मिलती है और बिचौलियों पर उनकी निर्भरता कम हो जाती है। यह उनकी उपज के लिए बेहतर मूल्य सुनिश्चित करता है और उनकी आजीविका में सुधार करता है। यह योजना डिजिटल तकनीकों के उपयोग को भी बढ़ावा देती है, जो सूचना, बाजार के अवसरों और प्रबंधन तक बेहतर पहुंच में मदद करती है।

ANKSVY से देश भर में लगभग 2 लाख एफपीओ और 10 लाख किसानों को लाभ होने की उम्मीद है। इस योजना में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करने और देश के समग्र आर्थिक विकास में योगदान करने की क्षमता है।

निष्कर्ष:

Atmanirbhar Krishak Samanvit Vikas Yojana भारतीय किसानों को सशक्त बनाने और स्थायी कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक योजना है। यह योजना किसानों को उनकी उत्पादकता और आय बढ़ाने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा, प्रौद्योगिकी और विपणन अवसर प्रदान करती है। एफपीओ का गठन और डिजिटल प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने से बाजारों और प्रबंधन तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित होती है। इस योजना में भारतीय कृषि और किसानों के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने और देश के समग्र आर्थिक विकास में योगदान करने की क्षमता है।

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